Friday 2 December 2011

सरकारी अफसर रिश्वत मांगे तो



सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार की शिकायतें आम हैं। इनकी रोकथाम के लिए 2003 में 'सेंट्रल विजिलेंस कमिशन' बिल पास किया गया। आइए जानते हैं, क्या है सेंट्रल विजिलेंस कमिशन (सीवीसी) और कब कर सकते हैं यहां शिकायत:

अधिकार क्षेत्र में आनेवाले मंत्रालय/विभाग

केंद्र सरकार के मंत्रालय/विभाग, केंद्र सरकार के सभी पीएसयू, नैशनलाइज्ड बैंक, रिजर्व बैंक, नाबार्ड और सिडबी, सरकारी बीमा कंपनियां, पोर्ट ट्रस्ट व डॉक लेबर बोर्ड आदि। इसके अलावा दिल्ली, चंडीगढ़, दमन एवं दीव, पांडिचेरी आदि समेत सभी केंद्र शासित प्रदेश।

जांच के दायरे में आनेवाले अधिकारी

सीवीसी अपने अधिकार क्षेत्र में आनेवाले संगठनों में तैनात अधिकारियों की कुछ श्रेणियों के खिलाफ ही जांच कर सकता है, जो इस प्रकार हैं:

केंद्रीय सरकारी मंत्रालय/विभाग: ग्रुप ए और उससे ऊपर के अधिकारी (अंडर सेक्रेटरी और इससे ऊपर के अधिकारी)

पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू): बोर्ड लेवल और उससे दो लेवल नीचे तक के अधिकारी

पब्लिक सेक्टर के बैंक: स्केल V और इससे ऊपर के अधिकारी

रिजर्व बैंक, सिडबी और नाबार्ड: ग्रेड डी या इससे ऊपर के अधिकारी

बीमा क्षेत्र: असिस्टेंट मैनेजर और इससे ऊपर के अधिकारी

जीवन बीमा निगम: सीनियर डिविजनल मैनेजर और इससे ऊपर के अधिकारी

स्वायत्त निकाय: 8700 रुपये या ज्यादा बेसिक सैलरी पानेवाले अधिकारी

पोर्ट ट्रस्ट/डॉक लेबर बोर्ड: 10,750 रुपये या ज्यादा बेसिक सैलरी पानेवाले अधिकारी

सीवीसी के काम

- ऐसे किसी भी लेन-देन के मामले में जांच करना या कराना, जिसमें केंद्र सरकार के अधीन अधिकारी के शामिल होने का शक हो।

- केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों और उसके नियंत्रण में आनेवाले दूसरे संगठनों के सतर्कता और भ्रष्टाचार निवारण संबंधी कामों की सामान्य जांच और निगरानी करना।

- विजिलेंस संबंधी मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष सलाह देना।

- भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को सामने लाना और उस पर उचित कार्रवाई की सिफारिश करना।

- सीबीआई और एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट के अलावा दिल्ली की स्पेशल सेल के उच्च अधिकारियों की चयन समितियों की अध्यक्षता करना।

- सीवीसी के अधिकार क्षेत्र में आनेवाले अधिकारियों और संगठनों के खिलाफ की गई भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों की जांच सीबीआई या संबंधित संगठन के चीफ विजिलेंस ऑफिसर द्वारा कराई जाती है।

- टेंडरों के खिलाफ शिकायतों के बारे में सीवीसी संबंधित विजिलेंस ऑफिसर के माध्यम से जांच कराता है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करता। सीवीओ की रिपोर्ट के आधार पर ही सीवीसी मामले में आगे कार्रवाई करता है।

कैसे करें शिकायत

- सीवीसी को सीधे पत्र लिखकर शिकायत की जा सकती है। सीवीसी की वेबसाइट www.cvc.nic.in पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत करने से पहले यह जांच लें कि जिस संगठन या अधिकारी के खिलाफ शिकायत करनी है, वह सीवीसी के अधिकार क्षेत्र में आता है या नहीं।

- 'लोकहित प्रकटीकरण और मुखबीर संरक्षण (पब्लिक इंटरेस्ट डिस्क्लोजर ऐंड इनफॉर्मर प्रॉटेक्शन)' के तहत की गई शिकायत सिर्फ डाक से ही भेजी जानी चाहिए। लिफाफे पर मोटे शब्दों में 'पीआईडी पीआई' या 'पर्दाफाश' लिखा होना चाहिए।

- जो शिकायतकर्ता अपनी पहचान गुप्त रखना चाहते हैं, आयोग उनकी पहचान छुपाकर रखता है।

- जिन शिकायतों को जांच के लायक पाया जाता है, उनमें शिकायतकर्ता को एक कंप्लेंट नंबर दिया जाता है। ऐसी शिकायतों का स्टेटस विभाग की वेबसाइट पर कंप्लेंट ऑप्शन में जाकर चेक किया जा सकता है।

ये भी जानें

- शिकायत सीधे सीवीसी को भेजी जानी चाहिए। बहुत से अधिकारियों/विभागों को भेजी गई शिकायतों पर सामान्यत: सीवीसी कार्रवाई नहीं करता।

- गुमनाम या गलत नामों से की गई शिकायतों पर भी सीवीसी कार्रवाई नहीं करता। अपना नाम-पता जरूर दें।

- राज्य सरकारें और प्राइवेट संगठन व संस्थाएं सीवीसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। राज्य सरकार के खिलाफ शिकायतें राज्यों के स्तर पर 'स्टेट विजिलेंस कमिश्नर' या लोकायुक्त को ही भेजें।

हेल्पलाइन

अगर केंद्र सरकार का कोई सीनियर अफसर आपसे रिश्वत की मांग करे या अपने पद का बेजा इस्तेमाल करे तो आप इसकी शिकायत सीवीसी को कर सकते हैं। पता हैः

सेंट्रल विजिलेंस कमिशन, सतर्कता भवन, ए ब्लॉक, जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए, नई दिल्ली - 110023


फोन: 011-2465 1001-08, फैक्स: 011-2465 1010, ई-मेल: vigilance@nic.in ,
वेबसाइट: www.cvc.nic.in




ईशान जायसवाल
(सी. ए. और बी.कॉम का छात्र )
"अब हम सब साथ-साथ चलेंगे भारत का विकास करेंगे"

11 comments:

  1. कॉल ड्राप को लेकर संचार मंत्री टेलीकॉम कंपनियों से मिलेंगे
    Readmore Todaynews18.com https://goo.gl/EbMjLi

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  2. कॉल ड्राप को लेकर संचार मंत्री टेलीकॉम कंपनियों से मिलेंगे
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  3. Agar koi wakil ab tab ka jhasa dekar indirectly rishawat le to aise me Kaise Aur kaha shikayat ki jati hai...

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  4. श्रीँँमान ..मेरा मजदूर भाई जो एडस से पीडित था.. .कि..मृत्यु गत 10अप्रेल 2017को ..आगरा ..मे हो गई थी.....मृत्यु के बाद ..आर्थिक स्तिथि बद से बदतर..हो गई.. अत: भाई की पत्नी श्री ..मति ..रेनू शर्मा ने सरकार द्वारा जारी 30000/ ..विधवा पेन्शन योजना के लिए आवेदन किया.... ताकि आर्थिक मदद मिल सके... परंतु.एरिया का पेंशन अधिकारी...काम कराने के एवज मे 10000/ दश हजार रुपया..मांग रहा है .....पिछले 15 ..माह से परेशान कर .रहा..है ....काम नहीं ..हो पा.रहा.है ... कृपया..मार्ग दर्शन करे...

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  5. शशी कान्त शर्मा..
    मो.. 7906386477
    emai :shashikant.sharma57@gmail.com

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  6. सर मे मेरे खातेदारी जमीन पर रहने के लिए मकान बना रहा हू जयपुर विकास प्राधिकरण का अधिकारी मेरे से 40000हजार रिश्वत मांग रहा हे ओर बिल्डिंग को तोड़ ने कि घर आकर धमकिया देता है मे साँगानेर जयपुर रहता हू कोई समाधान बताये मेरा मैल आईडी ramavtarsaini1982@gmail.com है

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  7. पुलिस के द्वारा की जाने वाली रिश्वत खोरी पर किस से तुरंत संपर्क किया जय।

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  8. सर् में नाचना के बिजली विभग में अपने क्रषि कनेक्शन के लिए गया था जब वहा का aen gen का चार्ज राहुल जी के पास था जन्होने मेरे में अपने ही कनेक्सन को लेने के लिए उन्होंने मेरे से 15000 हजार की मांग की ओर मेरे द्वारा न देने पर मेरा कनेक्शन 1 माह तक रोक दिया गया और वो उन लोगो का कार्य पहले करते हैं जो उनको पैसे देते है इस कारण से सभी किसान अपनी किस्मत को रोते हैं उनकी मन मर्जी से किसानों को अपनी फसल का लॉस होता है पूरा डिपार्टमेंट भृस्ट है

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  9. Bank manager 20percent ghus le rhe hai lakhimpur kheri me ...Puri sarkar department bhrast hai

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  10. मेरा घर उडीशा जिला जाजपुर के बरीकुल मे है़। मै अकेला। मेरा कोई बेटा नही है। मुझे सरकार के तरफ से इँदरा आवाश मिला है। लेकिन मुझ से 20000/-मागा जा रहा है। अब मै किया करू बताने का कशट करे।

    धनयबाद

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