पुलिस स्टेशन जाने से हर कोई बचता है, लेकिन कुछ गुम या चोरी हो जाने पर शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन जाना ही पड़ता है। लोगों को आमतौर पर पुलिसिया कार्रवाई के तौर-तरीकों की जानकारी नहीं होती। यहां तक कि उन्हें एफआईआर औऱ एनसीआऱ के बीच का फर्क भी नहीं पता होता है। में आपको पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने से जुड़ी जानकारी दे रहा हूँ!
कब होती है एफआईआर
एफआईआर संज्ञेय अपराधों में ही दर्ज होती है। अगर अपराध संज्ञेय नहीं है तो उसकी एफआईआर नहीं लिखी जाती।
इसे एक उदाहरण से समझिए। पिछले दिनों अजय खन्ना के गाल पर अमित ने बीच सड़क पर थप्पड़ मार दिया। लगे हाथ बदला लेने के बजाय कानूनी कार्रवाई में यकीन रखने वाले अजय खन्ना सीधे थाने जा पहुंचे। डयूटी अफसर ने थप्पड़ मारने की एफआईआर करने से साफ इनकार कर दिया। अजय ने जमकर बहस की, लेकिन पुलिसवाले ने उनकी एफआईआर दर्ज नही की। अजय ने हिम्मत नहीं हारी औऱ पहुंच गए एसएचओ के पास।
तजुर्बेकार एसएचओ ने ठंडे दिमाग से अजय की बात सुनी। एसएचओ ने बताया कि थप्पड़ मारना आईपीसी का धारा 323 के तहत आता है, जो संज्ञेय अपराध नहीं है इसलिए इसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती। हां, इसके लिए अदालत में कंम्लेंट केस दायर किया जा सकता है। एसएचओ ने अजय को यह भी बताया कि अगर वह तहरीर में यह लिख दें कि अमित ने उसे सड़क पर जबरन रोका भी था, तो उसकी एफआईआर दर्ज हो जाएगी। इसकी वजह यह है कि धारा 341 के तहत ‘ रॉन्गफुल रेस्ट्रेन्ट ’ यानी किसी को जबरन रोकना संज्ञेय अपराध है।
कैसे होती है एफआईआर
एफआईआर दर्ज कराने के तीन तरीके है :
■ पीड़ित सीधा थाने आकर अपने लिखित या मौखिक बयान पर एफआईआर दर्ज करा सकता है।
■ पीसीआर कॉल से मिली खबर की तफ्तीश कर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
■ वारदात की खबर मिलने पर थाने का ड्यूटी अफसर एएसआई को मौके पर भेजता है। एएसआई चश्मदीदों के बयान दर्जकर रुक्का (एफआईआर लिखने के लिए तहरीर) लिखता है। इस रुक्के के आधार पर पुलिस एफआईआर दर्ज करती है। यह तरीका सिर्फ जघन्य वारदात के दौरान ही अपनाया जाता है।
क्यों लगती है देर
पुलिस ज्यादातर मामलों में शिकायत मिलते ही एफआईआर दर्ज नहीं करती। वारदात की प्रमाणिकता जानने के लिए कई बार तहरीर की जांच की जाती है। पिछले दिनों रोहतक के बिजनेसमैन किसी शादी नें शरीक होने पश्चिम विहार आए। बैंक्विट हॉल से उनकी कार चोरी हो गई। उन्होंने थाने में एफआईआर लिखाने की कोशिश की। पुलिस ने बिजनेसमैन की कम्प्लेंट पर रिपोर्ट दर्ज करने से पहले जांच की। पुलिस को सबूत मिल गए कि बिजनेसमैन वाकई शादी नें शामिल होने उसी कार से आए थे। इसके बाद उनकी एफआईआर दर्ज की गई। बाइक, कार या कोई अन्य सामान चोरी होने पर पुलिस के तुरंत एफआईआर दर्ज न करने की एक वजह औऱ भी है। पुलिस कुछ दिन तक यह इंतजार करती रहती है कि चोरी गया सामान पीड़ित को किसी तरह मिल जाए। दरअसल, कोई भी एसएचओ नहीं चाहता कि उसके थाने में एफआईआर की संख्या में इजाफा हो।
दिल्ली पुलिस के सभी थानों में स्टेशनरी की भारी किल्लत रहती है। पुलिसकर्मी एफआईआर दर्ज न करने की एक वजह इसे भी बताते है। हर एफआईआर की कॉपी थाने से एसीपी, अडिशनल डीसीपी-1, अडिशनल डीसीपी-2, डिस्ट्रिक्ट डीसीपी और मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट को भेजी जाती है। जघन्य अपराधों की एफआईआर की कॉपी रेंज के जॉइंट कमिश्नर को भी भेजी जाती है।
कहां दर्ज होगा केस
■ केस उस इलाके में दर्ज होगा, जहां सामान चोरी की जानकारी मिली हो, भले ही चोरी कहीं भी हुई हो।
■ वारदात की खबर किसी भी थाने में दी जा सकती है, लेकिन उसी थाने में दर्ज होगी जिस इलाके में जुर्म हुआ। अगर पीड़ित ने किसी अन्य थाने में खबर दी, तो उस थाने की पुलिस शिकायत लेकर संबंधित थाने को रेफर कर देगी।
इसे एक उदाहरण से देखते है। पीतमपुरा में रहने वाले जूलर राहुल वाधवा कार में जूलरी का बैग लेकर करोल बाग में अपने शोरूम के लिए चले। रास्ते में प्रशांत विहार मार्केट में उन्होने कार से उतरकर शॉपिंग की। करोल बाग आकर उन्होंने देखा कि उनका बैग लापता था। उन्होने प्रशांत विहार वापस जाकर चोरी का केस दर्ज कराना चाहा तो, पुलिस ने उन्हें बताया कि केस वहां दर्ज होगा, जहां उन्हें चोरी होने का पता चला था। ऐसे में राहुल ने केस प्रशांत विहार के बजाय करोलबाग पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया।
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर अजय राज शर्मा ने महिलाओं के लिए व्यवस्था की थी कि वे किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज करा सकती है, लेकिन अब उनकी शिकायतें भी संबंधित थाने में भेजी जाती है।
■ पीड़ित सीधा थाने आकर अपने लिखित या मौखिक बयान पर एफआईआर दर्ज करा सकता है।
■ पीसीआर कॉल से मिली खबर की तफ्तीश कर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
■ वारदात की खबर मिलने पर थाने का ड्यूटी अफसर एएसआई को मौके पर भेजता है। एएसआई चश्मदीदों के बयान दर्जकर रुक्का (एफआईआर लिखने के लिए तहरीर) लिखता है। इस रुक्के के आधार पर पुलिस एफआईआर दर्ज करती है। यह तरीका सिर्फ जघन्य वारदात के दौरान ही अपनाया जाता है।
क्यों लगती है देर
पुलिस ज्यादातर मामलों में शिकायत मिलते ही एफआईआर दर्ज नहीं करती। वारदात की प्रमाणिकता जानने के लिए कई बार तहरीर की जांच की जाती है। पिछले दिनों रोहतक के बिजनेसमैन किसी शादी नें शरीक होने पश्चिम विहार आए। बैंक्विट हॉल से उनकी कार चोरी हो गई। उन्होंने थाने में एफआईआर लिखाने की कोशिश की। पुलिस ने बिजनेसमैन की कम्प्लेंट पर रिपोर्ट दर्ज करने से पहले जांच की। पुलिस को सबूत मिल गए कि बिजनेसमैन वाकई शादी नें शामिल होने उसी कार से आए थे। इसके बाद उनकी एफआईआर दर्ज की गई। बाइक, कार या कोई अन्य सामान चोरी होने पर पुलिस के तुरंत एफआईआर दर्ज न करने की एक वजह औऱ भी है। पुलिस कुछ दिन तक यह इंतजार करती रहती है कि चोरी गया सामान पीड़ित को किसी तरह मिल जाए। दरअसल, कोई भी एसएचओ नहीं चाहता कि उसके थाने में एफआईआर की संख्या में इजाफा हो।
दिल्ली पुलिस के सभी थानों में स्टेशनरी की भारी किल्लत रहती है। पुलिसकर्मी एफआईआर दर्ज न करने की एक वजह इसे भी बताते है। हर एफआईआर की कॉपी थाने से एसीपी, अडिशनल डीसीपी-1, अडिशनल डीसीपी-2, डिस्ट्रिक्ट डीसीपी और मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट को भेजी जाती है। जघन्य अपराधों की एफआईआर की कॉपी रेंज के जॉइंट कमिश्नर को भी भेजी जाती है।
कहां दर्ज होगा केस
■ केस उस इलाके में दर्ज होगा, जहां सामान चोरी की जानकारी मिली हो, भले ही चोरी कहीं भी हुई हो।
■ वारदात की खबर किसी भी थाने में दी जा सकती है, लेकिन उसी थाने में दर्ज होगी जिस इलाके में जुर्म हुआ। अगर पीड़ित ने किसी अन्य थाने में खबर दी, तो उस थाने की पुलिस शिकायत लेकर संबंधित थाने को रेफर कर देगी।
इसे एक उदाहरण से देखते है। पीतमपुरा में रहने वाले जूलर राहुल वाधवा कार में जूलरी का बैग लेकर करोल बाग में अपने शोरूम के लिए चले। रास्ते में प्रशांत विहार मार्केट में उन्होने कार से उतरकर शॉपिंग की। करोल बाग आकर उन्होंने देखा कि उनका बैग लापता था। उन्होने प्रशांत विहार वापस जाकर चोरी का केस दर्ज कराना चाहा तो, पुलिस ने उन्हें बताया कि केस वहां दर्ज होगा, जहां उन्हें चोरी होने का पता चला था। ऐसे में राहुल ने केस प्रशांत विहार के बजाय करोलबाग पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया।
दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर अजय राज शर्मा ने महिलाओं के लिए व्यवस्था की थी कि वे किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज करा सकती है, लेकिन अब उनकी शिकायतें भी संबंधित थाने में भेजी जाती है।
"अब हम सब साथ-साथ चलेंगे भारत का विकास करेंगे"
कॉल ड्राप को लेकर संचार मंत्री टेलीकॉम कंपनियों से मिलेंगे
ReplyDeleteReadmore Todaynews18.com https://goo.gl/EbMjLi
कॉल ड्राप को लेकर संचार मंत्री टेलीकॉम कंपनियों से मिलेंगे
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Agar koie mobile no pr fack call Kre Arm ka pin pucho Jaan sai marne ke bole to mamla darg kesi kru
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी है।
ReplyDeleteमैं ग्रामपंचायत पवनी प्रखंड चौसा पुलिस सटेशन बकसर-चौसा जिला बकसर का निवासी सहित सोशल संसथा ग्राम सवराज का अधयक्ष हूॅ! मेरे पंचायत के मुखिया एवं भुपु मुखिया के गलत कारनामो से पिछले 6-7 सालो के अंदर ही मेरे गांव के लोगो के कथन के आधार पर बताना चाहता हूॅ कि मुखिया पति लोगो के हक के साथ खिलवाड़ कर एवं सभी पंचायत वासियों में रुपयो की नंगा नुमाईस कर अनपढ लोगो को डरवा कर उनलोगो के पैसो से अपना धन,जमीन,मकान,खारचा,करज लौटाना सहित मनरेगा खाता धारियों का जाॅब खाता उनके निकट सहयोगी ओमप्रकाश सिंह पिता शितल प्रसाद सिंह के घर पर आधा जाबकारड बंधक बनाकर गरिब लोगो का कमर तोड़ दिया गया है!
ReplyDeleteमेरे पंचायत के कुछ छुटभैये नेताओं ने पैसे वाले ठग एवं जुवा खिलाड़ियो के हाथो गिरवी रखकर सारे हक को लुटा जा रहा है!
कानुन नही जानने वाले लोगो को गलत दिशा मे पता समझाकर उनका हिससा खाकर मजाक उड़ाया गया है!सच को झुठ बनाने मे इनलोगो को महारत हासिल है!कानुन एवं पुलिस का डर समापत कर सभी लोगो को उनका हिससा हक न बताकर छल कपट धोखा के सहारे प्रतिषठा पाने की होड़ लगी है!
Shreeman Varanasi DM prarthi even semeste bhakt gad nivedan Karta Hai Ki Varanasi Chawani Parishad mein Temple road par aesthete chandeshwar Mahadev ka mandir hai Jahan Subah ke Samay 20 se 30 sankhya Mein log Mandir ke andar baith kar abhadra Baatein Karte Hain Gali galoj Bhakto par comment karte hain Mandir Parisar Mein Subah saaf Safai nahi hone dateya Hain Mandir ke pad powdho ko nast karte hai virodh karne par gali dete hai marne ki dhamki dete hai es dar se mander paresad me subah nato safai hote hai na puja hota hai bhakt gad niwadan karte hai ki en logo par karwahi karke logo ko bhay mukt mahol de ne ka kast kare nivadak samast bhakt gad.bharat mata ki jai
ReplyDeleteDear Sir,
ReplyDeleteAgar police wala challan katne ki wajaye thappad marne ki baat kare toh us ki sikayat hum kaise kar sakte hai
Dear Sir,
ReplyDeleteAgar police wala challan katne ki wajaye thappad marne ki baat kare toh us ki sikayat hum kaise kar sakte hai
Mamnniya Sir humari shop rent pr li hui hai Nawada (New Delhi)me.wo pura area jaaton ka hai.jinkI shop li hui hai wo 1 no. K makkar hai unka beta aaye din drink kr k hume pareshan krta hai gali bkta hai or shop k galle se rupiya nikal leta hai.1 month pahle usne or uski maa ne mere pati ko be wajah pita or dukan se rent k rupiya jabardustI nikal li.or dukan ka sater Lagakr uski key chin li.mere pati kafi dare hue hain unse.ghabraht me tabiyat kharab ho gai thi. Mere khne pr unhone bindapur thane me sikayat drj krwani thi. Pr wahan se koi action nhi liya gaya meri chikanpox hone k karn mai apne pikar chattishgarh me thi abhi aai to suna dukan malik wo shop kisi or ko dedi.hari pure jivan ki punjI us dukan pr lagi hai humare 4 bachhe hai mei or mere pati dono pareshan hain .plz hume is mussibat se niklne me humari help kren wrna hum sucite krne pr Marbur ho jayenge.humari puri punji us bartan ki shop pr lg gai hai.plz humari help karen.mai bahut dipreshan me hu.plz help us.
ReplyDeleteMamnniya Sir humari shop rent pr li hui hai Nawada (New Delhi)me.wo pura area jaaton ka hai.jinkI shop li hui hai wo 1 no. K makkar hai unka beta aaye din drink kr k hume pareshan krta hai gali bkta hai or shop k galle se rupiya nikal leta hai.1 month pahle usne or uski maa ne mere pati ko be wajah pita or dukan se rent k rupiya jabardustI nikal li.or dukan ka sater Lagakr uski key chin li.mere pati kafi dare hue hain unse.ghabraht me tabiyat kharab ho gai thi. Mere khne pr unhone bindapur thane me sikayat drj krwani thi. Pr wahan se koi action nhi liya gaya meri chikanpox hone k karn mai apne pikar chattishgarh me thi abhi aai to suna dukan malik wo shop kisi or ko dedi.hari pure jivan ki punjI us dukan pr lagi hai humare 4 bachhe hai mei or mere pati dono pareshan hain .plz hume is mussibat se niklne me humari help kren wrna hum sucite krne pr Marbur ho jayenge.humari puri punji us bartan ki shop pr lg gai hai.plz humari help karen.mai bahut dipreshan me hu.plz help us.
ReplyDeletecahlaan from khud bharti hai police or galt bharne par chakkr hame kaatne padte hai asa kyu, galti ye kre or use sudhaarne ke liye chakkr ham kaate
ReplyDeleteअगर कोइ फ़ोन पर धमकी दे जान से मारने की
ReplyDeleteMai jagdev singh gidderbaha Punjab se hu 25 din se bank me chakar laga raha hu mundar loan ke liye bank me sare doucomant bhi LA liye for bhi koi half nahi hai SBI bank man branch gidder baha muktsar
ReplyDeleteMai jagdev singh gidderbaha Punjab se hu 25 din se bank me chakar laga raha hu mundar loan ke liye bank me sare doucomant bhi LA liye for bhi koi half nahi hai SBI bank man branch gidder baha muktsar
ReplyDeleteनई जानकारियां हमको भी दे
ReplyDeletePlease help sir ak bcche ki help kijiye
ReplyDeleteHamare gaav m ak bcche ko gayab kr diya gya h koi bhi dr ki vajah se nhi bol rha us bcche k mata pita mr chuke h use uske taau n 12 bhiga khat hdapne k liye pta nhi kya kr diya ldka mil nhi rha police m complain bhi nhi kraye kh diya ki ldka ghar chod kr bhaag gya lekin mujhe lg rha h uske saath kuch glat hua h help sir gaav h shivala klan aligarh
ReplyDeleteSir mujhe is 9056811091 anjan number say call aaya our mujhe gaali di
ReplyDeleteमुझसे 1500 रूपये ले कर मेरा पासपोर्ट इंक्विरी किया गया।
ReplyDeleteतहरील देने के बाद सुनवाई न हो तो कया करे
ReplyDeleteमुझ में आते से ही थप्पड़ दी सुदामा किरार क्रिकेट खेल रहे थे हम बच्चे आते ही थप्पड़ भी सुदामा 93
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